THURSDAY 4 OCTOBER 2012
अब वापस मिल सकेंगे आरसीएम के खाते और मेनसर्वर
जयपुर। पुलिस-प्रशासन की मिलीभगत और अफसरों की हठधर्मिता का शिकार हुई भीलवाड़ा की कंपनी आरसीएम एक बार फिर शुरू हो सकेगी। राज्य सरकार ने लंबे इंतजार के बाद मल्टीलेवल मार्केटिंग (एमएलएम) कंपनियों के संचालन की गाइडलाइन जारी कर दी है। जिसके बाद उम्मीद है कि जल्द ही कंपनी के मेन सर्वर और खातों पर लगी पाबंदी को हटाने की कार्रवाई शुरू होगी और कंपनी विधिवत अपना काम शुरू कर सकेगी।
सरकार के इस निर्णय के बाद उद्योग मैदान पर पिछली 9 मई से धरने पर बैठे सैकड़ों लोगों ने भी राहत की सांस ली है। ‘हिंदी दैनिक महानगर" ने आरसीएम के उपभोक्ताओं और वितरकों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और भीलवाड़ा पुलिस की इस इकतरफा कार्रवाई के साथ ही प्रशासन के स्तर पर की जा रही मनमानी को भी उजागर किया। गौरतलब है कि गत वर्ष 9 दिसम्बर को आनन-फानन में कुछ शिकायतों के बाद भीलवाड़ा पुलिस ने आरसीएम कंपनी का भीलवाड़ा स्थित मुख्यालय सीज कर दिया था। कंपनी के खातों पर रोक लगा दी गई और मेन सर्वर को भी बंद कर दिया गया। जिससे देशभर में कंपनी के करीब 5 हजार स्टोर बंद हो गए और कंपनी से जुड़े करीब सवा करोड़ उपभोक्ता और वितरकों का काम-काज ठप हो गया।
गोल्डसुख के घोटाले के बाद राज्य में ऐसी कम्पनियों के कारोबार पर रोक लगा दी गई थी और सैंकड़ों कम्पनियां बंद पड़ी थी। इन्हीं में पूरी तरह से निर्दोष और उत्पादन पर आधारित आरसीएम भी थी, जिससे जुड़े लोग पिछले पांच माह से उद्योग मैदान पर धरना दे रहे थे। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह गाइडलाइन पारित की गई।
राज्य में डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस (मल्टीलेवल मार्केटिंग) से संबंधित कई प्रकरणों में उपभोक्ताओं के ठगे जाने के प्रकरणों के सामने आने पर फैडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसियेशन ने राज्य सरकार को यह मांग प्रस्तुत की कि इस प्रकार के व्यापार को पारदर्शी व स्पष्ट करने हेतु राज्य सरकार द्वारा दिशा-निर्देश बनाए जाएं तथा उन्हें राज्य में लागू किया जाए।
मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित दिशा निर्देशों में जहां एक ओर डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस से संबंधित गतिविधियों, टारगेट ग्रुप, संस्थाओं व प्रक्रियाओं यथा डायरेक्ट सेलिंग, डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी, डायरेक्ट सेलर, उपभोक्ता, वस्तु/उत्पाद, सीधी बिक्री से प्राप्त सेल्स इन्सेन्टिव को परिभाषित किया है वहीं स्वीकार्य सीधी बिक्री एवं सीधे बिक्रीकर्ता को नियुक्त करने/अधिकृत किए जाने की शर्तों को भी निर्धारित किया गया है।
आसीएम को शुरू करवाने और इस संबंध में गाइडलाइन जारी करवाने की मांग को लेकर सैकड़ों उपभोक्ता और वितरकों ने 9 मई से उद्योग मैदान में धरना शुरू किया था। विपरीत परिस्थितियों में भी धरनार्थी डटे रहे। इसी दौरान जयपुर में भारी बरसात हुई और पूरे एक महीने आसमान से आफत बरसती रही लेकिन अपने उद्देश्य को लेकर धरने पर बैठे लोग टस से मस नहीं हुए। इसी दौरान खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरना स्थल पर पहुंच कर लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का हल निकाल दिया जाएगा। भूख-प्यास-बीमारियां और तमाम कष्ट सहकर भी लोग धरने पर डटे रहे। अंतत: सरकार ने गाइडलाइन जारी की। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कंपनी के खातों से भी रोक हट सकेगी और कंपनी का काम काज शुरू होगा।
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सरकार ने हमारी सुनी है, उम्मीद है जल्द की औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी और कंपनी का काम शुरू होगा।
मुकेश कोठारी,
अध्यक्ष
आरसीएम राजस्थान उपभोक्ता एवं वितरक कल्याण समिति
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लोगों के संघर्ष की जीत है। मुख्यमंत्री जी ने हमारी सुनी है। लाखों लोगों को राहत मिली है।
महावीर सहारण,
उपाध्यक्ष
आरसीएम राजस्थान उपभोक्ता एवं वितरक कल्याण समिति
सरकार के इस निर्णय के बाद उद्योग मैदान पर पिछली 9 मई से धरने पर बैठे सैकड़ों लोगों ने भी राहत की सांस ली है। ‘हिंदी दैनिक महानगर" ने आरसीएम के उपभोक्ताओं और वितरकों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और भीलवाड़ा पुलिस की इस इकतरफा कार्रवाई के साथ ही प्रशासन के स्तर पर की जा रही मनमानी को भी उजागर किया। गौरतलब है कि गत वर्ष 9 दिसम्बर को आनन-फानन में कुछ शिकायतों के बाद भीलवाड़ा पुलिस ने आरसीएम कंपनी का भीलवाड़ा स्थित मुख्यालय सीज कर दिया था। कंपनी के खातों पर रोक लगा दी गई और मेन सर्वर को भी बंद कर दिया गया। जिससे देशभर में कंपनी के करीब 5 हजार स्टोर बंद हो गए और कंपनी से जुड़े करीब सवा करोड़ उपभोक्ता और वितरकों का काम-काज ठप हो गया।
गोल्डसुख के घोटाले के बाद राज्य में ऐसी कम्पनियों के कारोबार पर रोक लगा दी गई थी और सैंकड़ों कम्पनियां बंद पड़ी थी। इन्हीं में पूरी तरह से निर्दोष और उत्पादन पर आधारित आरसीएम भी थी, जिससे जुड़े लोग पिछले पांच माह से उद्योग मैदान पर धरना दे रहे थे। बुधवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की हुई बैठक में यह गाइडलाइन पारित की गई।
राज्य में डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस (मल्टीलेवल मार्केटिंग) से संबंधित कई प्रकरणों में उपभोक्ताओं के ठगे जाने के प्रकरणों के सामने आने पर फैडरेशन ऑफ डायरेक्ट सेलिंग एसोसियेशन ने राज्य सरकार को यह मांग प्रस्तुत की कि इस प्रकार के व्यापार को पारदर्शी व स्पष्ट करने हेतु राज्य सरकार द्वारा दिशा-निर्देश बनाए जाएं तथा उन्हें राज्य में लागू किया जाए।
मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदित दिशा निर्देशों में जहां एक ओर डायरेक्ट सेलिंग बिजनेस से संबंधित गतिविधियों, टारगेट ग्रुप, संस्थाओं व प्रक्रियाओं यथा डायरेक्ट सेलिंग, डायरेक्ट सेलिंग एन्टेटी, डायरेक्ट सेलर, उपभोक्ता, वस्तु/उत्पाद, सीधी बिक्री से प्राप्त सेल्स इन्सेन्टिव को परिभाषित किया है वहीं स्वीकार्य सीधी बिक्री एवं सीधे बिक्रीकर्ता को नियुक्त करने/अधिकृत किए जाने की शर्तों को भी निर्धारित किया गया है।
संघर्ष की जीत
आसीएम को शुरू करवाने और इस संबंध में गाइडलाइन जारी करवाने की मांग को लेकर सैकड़ों उपभोक्ता और वितरकों ने 9 मई से उद्योग मैदान में धरना शुरू किया था। विपरीत परिस्थितियों में भी धरनार्थी डटे रहे। इसी दौरान जयपुर में भारी बरसात हुई और पूरे एक महीने आसमान से आफत बरसती रही लेकिन अपने उद्देश्य को लेकर धरने पर बैठे लोग टस से मस नहीं हुए। इसी दौरान खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने धरना स्थल पर पहुंच कर लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्या का हल निकाल दिया जाएगा। भूख-प्यास-बीमारियां और तमाम कष्ट सहकर भी लोग धरने पर डटे रहे। अंतत: सरकार ने गाइडलाइन जारी की। ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही कंपनी के खातों से भी रोक हट सकेगी और कंपनी का काम काज शुरू होगा।
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सरकार ने हमारी सुनी है, उम्मीद है जल्द की औपचारिकताएं पूरी कर ली जाएंगी और कंपनी का काम शुरू होगा।
मुकेश कोठारी,
अध्यक्ष
आरसीएम राजस्थान उपभोक्ता एवं वितरक कल्याण समिति
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लोगों के संघर्ष की जीत है। मुख्यमंत्री जी ने हमारी सुनी है। लाखों लोगों को राहत मिली है।
महावीर सहारण,
उपाध्यक्ष
आरसीएम राजस्थान उपभोक्ता एवं वितरक कल्याण समिति
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